Thursday, August 11, 2011

DIL BADAL JATA HAI DIN KI TARAH

दिल बदल जाता है दिन की तरह


दिल मिल जाता है दिल की तरह

प्रेम की किरणों में नहाने लगा
इठलाने, इतराने, सँवरने लगा
दिल की पूछो न तब हाले-बयां
फूलो -सा मचलने और गाने लगा

दिल भर जाता है झील की तरह

खिलते है कमल पर महकते नहीं
उठती हैं लहरें पर बहकती नहीं
जब होती है बारिश तो भरता है झील
नहीं तो बूंदों को तरसता है झील

दिल चुभ जाता है कील की तरह

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Dil badal jata hai din ki tarah

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