सब कुछ बदल गया है
सब कुछ बदल गया है जबसे तुम मिल गयी
खुद से भी ज्यादा अपना कोई लगता है
मेरी तो सारी तमन्नाएँ सिकुड़ गयीं
खुशियाँ भी मेरी अब तुमसे ही जुड़ गयीं
सब कुछ बदल गया है जबसे तुम मिल गयी
माँगा नहीं खुदा से मैंने तुमको कभी
देखा हूँ पर, आँखों में तेरे जब भी कभी
जाने क्यूँ तब-तब आँखें मेरी भर गयीं
सब कुछ बदल गया है जबसे तुम मिल गयी
साहस था इतना कि खुदा से भी मैं न डरता था
खुश था, और सच्चा जो लगता वही करता था
देखा तुम्हें थिरकते काँटों पर जबसे मैंने
खुशियाँ मेरी बिखर गयी, होठें भी सिल गयीं
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